पानी
पानी क्या है? जल की धारा जिसमे में मिल जाये हो जाये उसकी तरह, तो क्यों हम नहीं हो पाते पानी की तरह निर्मल, पानी है जीवन ये न हो तो जीवन है बेकार फिर भी हम नहीं समझ पाते इसका मोल, आदमी का जीवन पानी की तरह हो निर्मल तो कितना अच्छा हो पर हम लड़ते रहते है, ये जीवन मिला एक बार तो क्यों हम व्यर्थ गवाते है? पानी की तरह हमें निर्मल होना होगा तभी ये जिन्दगी होगी सार्थक गरिमा