सिर उचा रहे देश का

 शान न भारत की घटने पाए
हम भारत के बेटे है,
जान दे देंगे हम
पर देश पर आच न आने देंगे
64  साल बीत गए
आओ सोचे क्या खोया हमने
और कहा पर हम  आये
64 साल  बाद भी हम
मानसिक  रूप से   गुलाम रहे
हम अब भी देश से न  जुड़ पाए
तो हम क्या कर पाएंगे
केवल बुराई करके,
हम अपने फ़र्ज़ से
क्या हम सोचो बच  पाएंगे
आज फिर से  विचार करे हम
क्या खोया क्या पाया है
कितना हम देश से जुड़ रहे
और कितना हम  भाग रहे
आज फिर वो समय आ गया
जब हम फिर से  संकल्प ले
की भारत की शान  खोने न देंगे
  


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