होली

होली   आई खुशिया लायी,
 चहकी चिड़िया डालो पर,
 हर  तरफ  है खुशबू  पकवानों की
सभी है मस्ती में  चूर
होली आई होली आई,
रंगों  में डूबा संसार
हर तरफ है प्यार  का रंग
सबके चेहरे लगते रंगीन,
 इतने पावन पर्व पर भी
क्यों नफरत का रंग लगाते
क्यों खेलते खून की होली
रंगों के इस त्यौहार को
क्यों करते है बदनाम
मस्ती में  खेलो होली
रंग लगाओ गुझिया खाओ
सब मिल ये त्यौहार मनाओ
आई रे होली आई रे होली

टिप्पणियाँ

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…
बहुत ही बढ़िया।
100 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई!


सादर

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