पर्यावरण
आज समय कह रहा है पर्यावरण बचाओ, पेड़ पॊधे कट रहे है वो विच्रारे कह रहे है मुझे मत काटो पर कोई सुन रहा उनकी जब गर्मी जयादा पड़ती है तो ढूंढते सब पेड़ की छाव पर कट रहे है पेड़ हमारे सुख रही है नदिया बन रहे है पत्थरों के शहर जब तक रहेंगे पेड़ हमारे मिलती रहेगी छाव हमें हम जा रहे है पर्यावरण से दूर जो देता है हमें शीतलता पर हम न पॊधे लगाये तो कैसी धरती हमारी ये तो सोचो जीवन है उसमे जिसे हम काट रहे है उसका दर्द कौन समझे न कह पाए कोई वो किसी से आओ हम संकल्प ले की हमें पेड़ लगाना है तभी होगी धरा सुंदर और बचेगा पर्यावरण