वक़्त
वक़्त का कुछ भरोसा नहीं
एक पल में गुजर जायेगा
आईना है सम्हालो इसे
टूट कर ये बिखर जायेगा
सपने होते है सपने नहीं
सामने आकर संवर जायेगा
आइना तो आइना ही है
इसमें अपना चेहरा ही दिख जायेगा
वक़्त का कुछ भरोसा नहीं
एक पल में गुजर जायेगा
वक़्त एक ऐसी आंधी है
जिसमे तिनका भी बिखर जायगा
सम्हालो जरा इस वक़्त को
वरना बनना संवारना लुप्त हो जायेगा
ऐसी चली वक़्त कि हवा
इसमें गुलशन भी अब तो संवर जायगा
वक़्त का कुछ भरोसा नहीं
एक पल में गुजर जायेगा
एक पल में गुजर जायेगा
आईना है सम्हालो इसे
टूट कर ये बिखर जायेगा
सपने होते है सपने नहीं
सामने आकर संवर जायेगा
आइना तो आइना ही है
इसमें अपना चेहरा ही दिख जायेगा
वक़्त का कुछ भरोसा नहीं
एक पल में गुजर जायेगा
वक़्त एक ऐसी आंधी है
जिसमे तिनका भी बिखर जायगा
सम्हालो जरा इस वक़्त को
वरना बनना संवारना लुप्त हो जायेगा
ऐसी चली वक़्त कि हवा
इसमें गुलशन भी अब तो संवर जायगा
वक़्त का कुछ भरोसा नहीं
एक पल में गुजर जायेगा
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